वास्तु शांति एक हिन्दू धार्मिक प्रतिष्ठा है जिसमें एक नए निवासी घर को उसके आसपास के ऊपरवासियों और देवताओं के आशीर्वाद से शुभ बनाने की पूजा की जाती है। यह प्रतिष्ठा घर के नवीनीकरण, वास्तु उपाय और मानसिक शांति के लिए किया जाता है।
वास्तु शांति में घर के सभी कोनों को पवित्रता और शुद्धता से पुनः सजाया जाता है, और विभिन्न प्रकार के पूजा पाठ, मन्त्रों और यज्ञ के साथ घर को शुद्धि की दिशा में पुनः स्थापित किया जाता है। यह संस्कार घर के नए निवासियों के लिए शुभ समय में किया जाता है, जैसे कि घर के निर्माण के बाद या नए मकान में निवास करने के पश्चात्।
वास्तु शांति के दौरान विभिन्न वेदिक मन्त्रों, स्तोत्रों और पूजा के अवसर पर अनुसरण किया जाता है। इसके साथ ही, पूजा में अग्नि कुंड में धूप, दीप, अर्घ्य, फूल, धनिया, कुमकुम, हल्दी, गुग्गुल आदि की आहुतियाँ दी जाती हैं। यह संस्कार परिवार के आदर्श, संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है।