चौघड़िया एक ज्योतिषीय शब्द है जो हिंदू पंचांग में प्रयुक्त होता है और कार्यों के लिए शुभ और अशुभ समय की पहचान करने में मदद करता है। यह समय दिन के विभिन्न अंशों में विभाजित होता है और कार्यों के लिए शुभ और अशुभ समय की उपेक्षा करता है। चौघड़िया का मुख्य उद्देश्य कार्यों को सुरक्षित और शुभ समय में करने में मदद करना है।
चौघड़िया को चार पार्ट्स में विभाजित किया जाता है, जिन्हें विशेषकर अच्छा माना जाता है, वे हैं:
अमृत चौघड़िया: यह समय शुभ माना जाता है और यह कार्यों के लिए आदर्श माना जाता है। इस समय में कार्यों की प्रगति और सफलता की संभावना अधिक होती है।
शुभ चौघड़िया: यह भी शुभ समय होता है लेकिन अमृत चौघड़िया की तुलना में कम शुभ होता है।
लाभ चौघड़िया: यह समय मिश्रित माना जाता है और कुछ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है, जैसे कि वित्तीय या व्यापारिक कार्य।
अशुभ चौघड़िया: यह समय अशुभ माना जाता है और इस समय में कार्य करने से अनिष्ट हो सकता है।
चौघड़िया के अंश और उनके समय को आधार बनाकर लोग अपने दैनिक कार्यों का समय तय करते हैं, ताकि वे शुभ और सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकें। यह अधिकतर हिंदू जन द्वारा अनुसरण किया जाने वाला प्रथम पार्ट्स ज्योतिषीय प्रथा है।