रुद्र चण्डी पाठ एक महत्वपूर्ण और प्राचीन शाक्त पूजा है जो मां दुर्गा के रुपों की महिमा और शक्तियों को प्रकट करने के लिए की जाती है। यह पाठ दुर्गा सप्तशती के महात्मय के आधार पर किया जाता है और मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति, सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना करने के उद्देश्य से किया जाता है।
रुद्र चण्डी पाठ की पूजा करते समय, निम्नलिखित तरीके का पालन कर सकते हैं:
पूजा स्थल की तैयारी: एक शुद्ध और पवित्र स्थल को पूजा के लिए तैयार करें।
मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र का स्थापना: मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
रुद्र चण्डी पाठ: रुद्र चण्डी पाठ का पूरा पाठ करें। यह पाठ दुर्गा सप्तशती के अध्यायों का पाठ होता है जिसमें मां दुर्गा की महिमा और कथाएं वर्णित होती हैं।
आरती: पाठ के बाद मां दुर्गा की आरती करें और उन्हें फूल, दीपक और नैवेद्य से पूजें।
भजन और कीर्तन: मां दुर्गा के भजन या कीर्तन का प्रसंग करें।
प्रसाद: पूजा के बाद मां दुर्गा को प्रसाद के रूप में भोग चढ़ाएं और उसे फिर आप और आपके परिवार के सदस्यों के बीच बांटें।
भक्ति और समर्पण: पूजा के समय मां दुर्गा की भक्ति में लीन रहें और उनके प्रति अपनी समर्पणा और प्रेम को प्रकट करें।