नवरात्री पूजा हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख नौ दिन का त्योहार है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। यह त्योहार चैत्र और आश्विन मास में दो बार मनाया जाता है, जिन्हें चैत्र नवरात्री और शरद नवरात्री कहा जाता है।
नवरात्री का महत्व उन्नति, शक्ति, प्रेम और शांति के प्रतीक माना जाता है, और इसके दौरान देवी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है।
नवरात्री पूजा के दौरान निम्नलिखित चरण होते हैं:
नौ दिन की पूजा: नवरात्री के दौरान देवी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। हर दिन एक रूप की पूजा की जाती है और उनकी कथाएँ सुनी जाती हैं।
नवरात्री के व्रत: कुछ लोग नवरात्री के दौरान व्रत रखते हैं, जिसमें वे नौ दिनों तक एक बार खाने पीने की व्रत रखते हैं।
पूजा और आरती: हर दिन पूजा और आरती की जाती है, जिनमें देवी दुर्गा की मूर्ति की पूजा की जाती है और उनकी आरती दी जाती है।
भजन और कीर्तन: नवरात्री के दौरान भक्ति भावना के साथ देवी दुर्गा के भजन और कीर्तन किए जाते हैं।
धार्मिक चर्चा: कुछ स्थानों पर नवरात्री के दौरान धार्मिक चर्चा, पूजा सभा और कथाएँ आयोजित की जाती हैं, जिनमें लोग धार्मिक विषयों पर चर्चा करते हैं।
नवरात्री पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा के माध्यम से शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीकन किया जाता है। यह त्योहार भक्ति, पूजा, आराधना और सांस्कृतिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण अवसर होता है।