महारुद्र पूजा शिव पूजा की एक महत्वपूर्ण और विशेष प्रकार है जो शिवरात्रि जैसे विशेष अवसरों पर की जा सकती है। यह पूजा भगवान शिव की महिमा और शक्तियों के प्रतीक के रूप में की जाती है और शिव भक्तों के बीच बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है।
महारुद्र पूजा की प्रक्रिया में विशेषतः शिवलिंग के सात प्रकार के अभिषेक और पूजा किए जाते हैं, जिन्हें "सप्तर्षि तीर्थ" के नाम से जाना जाता है। यह सात प्रकार के अभिषेक निम्नलिखित होते हैं:
गंगाजल: शिवलिंग पर गंगाजल की धारा डालकर अभिषेक करना।
धूप: अर्चना के लिए धूप करना।
दीपक: शिवलिंग के पास दीपक जलाना।
धातुरा: धातुरा के पत्ते की माला शिवलिंग पर चढ़ाना।
बेल पत्र: बेल के पत्तों की माला शिवलिंग पर चढ़ाना।
कुशा घास: कुशा घास की माला शिवलिंग पर चढ़ाना।
जल: फिर से गंगाजल की धारा डालकर अभिषेक करना।
इसके अलावा, महारुद्र पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप किया जाता है और शिव भक्तों द्वारा भजन और कीर्तन किया जाता है। पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद भोग चढ़ाया जाता है और उसे फिर सभी के बीच बांटा जाता है।