धन्वंतरि हवन भगवान धन्वंतरि की पूजा और हवन का आयोजन करने की प्रथा है। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सा के पिता माने जाते हैं और उन्हें रोगों की शिफा देने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। यह पूजा और हवन आयुर्वेदिक चिकित्सा की शक्ति को प्राप्त करने और रोगों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए की जाती है।
धन्वंतरि हवन के दौरान निम्नलिखित चरण होते हैं:
पूजा स्थापना: धन्वंतरि हवन के पूर्व, भगवान धन्वंतरि की मूर्ति को विशेष रूप से सजाकर स्थापित किया जाता है।
हवन की सामग्री: हवन करने के लिए विभिन्न सामग्री तैयार की जाती है, जैसे कि घी, साबुत दाना, अग्नि, यज्ञशाला, यजमान, अचामनीय, समिधा, संग्रहणी, आदि।
हवन क्रिया: पूजा अर्चना के बाद, पंडित या यजमान भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं और हवन करते हैं, जिसमें अग्नि में सामग्री को डालते हैं और मन्त्रों का जाप करते हैं।
पूजा और आरती: हवन के बाद, भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है और उनकी आरती दी जाती है।
प्रसाद और ब्रह्मण भोजन: पूजा के बाद, प्रसाद वितरित किया जाता है और ब्रह्मणों को भोजन की व्यवस्था की जाती है।
धन्वंतरि हवन का उद्देश्य आयुर्वेदिक चिकित्सा के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा करना है और उनके शक्तिशाली और उपकारक रूप को प्रमोट करना है। यह पूजा प्रथा आयुर्वेदिक चिकित्सा के महत्वपूर्ण देवता के समर्पित है और स्वास्थ्य और उपचार में उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए की जाती है।