धनतेरस

धनतेरस, जिसे 'धन त्रयोदशी' भी कहते हैं, हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय उपमहाद्वीप में विशेष रूप से मनाया जाता है और यह हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।

धनतेरस का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है - 'धन' जो धन और संपत्ति को सूचित करता है और 'तेरस' जो त्रयोदशी को सूचित करता है। यह त्योहार धन, धनवानी, और समृद्धि की प्राप्ति की आशा के साथ मनाया जाता है।

धनतेरस के दिन लोग अपने घरों की सजावट करते हैं, धन और धान्य की मूर्तियों की पूजा करते हैं, और विशेष रूप से सोने और चांदी की खरीदारी करते हैं। यह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है कि इस दिन नए खरीदारी की शुरुआत करने से धन का आगमन होता है और यह व्यापारी और व्यवसायिक समुदायों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।

इसके अलावा, धनतेरस को लोग आपसी रिश्तों को मजबूती देने के लिए भी महत्वपूर्ण मानते हैं और इस दिन घरों में परिवार और दोस्तों के साथ विशेष तौर पर समय बिताते हैं।

धनतेरस के बाद, हिन्दू धर्म में दिवाली, जिसे त्योहारों की रानी कहा जाता है, आती है, जिसे आमतौर पर अक्टूबर या नवम्बर महीने में मनाया जाता है। दिवाली एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है जिसमें रंग-बिरंगे पटाखे, रोशनी, पूजा, और उपहारों के आदान-प्रदान के साथ खुशी का माहौल होता है।