अमावस्या तर्पण पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा है जो अमावस्या तिथि के दिन किया जाता है। इस पूजा में पितृगणों और पूर्वजों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है। यह एक मान्यता अनुसार किया जाता है कि अमावस्या के दिन पितृगणों की आत्मा धरती पर आती है और उन्हें तर्पण करने से वे शांति प्राप्त कर सकते हैं।
अमावस्या तर्पण पूजा की प्रक्रिया में निम्नलिखित तरीके का पालन कर सकते हैं:
पूजा स्थल की तैयारी: एक शुद्ध और पवित्र स्थल को पूजा के लिए तैयार करें।
पितृ मूर्तियों और फोटों की स्थापना: पितृगणों की मूर्तियाँ या फोटों को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
तर्पण का आयोजन: पूजा के दौरान पितृ तर्पण का आयोजन करें, जिसमें भोजन, पानी, फल, दीपक, धूप, आदि के रूप में आहुतियाँ दी जाती हैं।
प्रार्थना और मंत्र पाठ: पितृगणों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद की प्रार्थना करें, मंत्र पाठ करें और उन्हें आशीर्वाद दें।
भजन और कीर्तन: पितृगणों की यादों को ताजगी देने के लिए भजन या कीर्तन का प्रसंग करें।
आरती: पितृगणों की आरती करें और उन्हें आशीर्वाद दें।
पंडित या आचार्य से सलाह: यदि आप अमावस्या तर्पण पूजा का आयोजन कर रहे हैं, तो स्थानीय पंडित या आचार्य से सलाह लें और पूजा की सहायता प्राप्त करें।