संकट मोचन मंदिर, जिसे संकट मोचन हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, और इसे हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक माना जाता है।
मंदिर का इतिहास 16वीं शताब्दी का है। माना जाता है कि मंदिर का निर्माण एक हिंदू संत, गुरु गोविंद सिंह ने किया था। मंदिर का वर्तमान रूप 18वीं शताब्दी में बनाया गया था।
मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है। मंदिर का गर्भगृह एक विशाल चबूतरे पर स्थित है, और इसमें भगवान हनुमान की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा सोने और चांदी से जड़ी हुई है। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर और मूर्तियां भी हैं, जिनमें गंगा देवी, कार्तिकेय और गणेश शामिल हैं।
संकट मोचन मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, और यह साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ को आकर्षित करता है।
मंदिर के कुछ प्रमुख आकर्षण दिए गए हैं:
भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा
गंगा नदी के तट पर स्थित मंदिर
मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर और मूर्तियां
संकट मोचन मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्यों में शामिल हैं:
मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था।
मंदिर का वर्तमान रूप 18वीं शताब्दी में बनाया गया था।
मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
यह मंदिर साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ को आकर्षित करता है।
संकट मोचन मंदिर के बारे में कुछ सवाल और जवाब:
प्रश्न: संकट मोचन मंदिर कहां स्थित है?
जवाब: संकट मोचन मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित है। यह मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है।
प्रश्न: संकट मोचन मंदिर किस देवता को समर्पित है?
जवाब: संकट मोचन मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है।
प्रश्न: संकट मोचन मंदिर का निर्माण कब हुआ था?
जवाब: संकट मोचन मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का वर्तमान रूप 18वीं शताब्दी में बनाया गया था।
प्रश्न: संकट मोचन मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य क्या हैं?
जवाब: संकट मोचन मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ को आकर्षित करता है।
प्रश्न: संकट मोचन मंदिर कब खुला रहता है?
जवाब: संकट मोचन मंदिर हर दिन सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है।