ललिता घाट वाराणसी, उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित एक घाट है। यह घाट शहर के मध्य भाग में स्थित है और यहाँ से गंगा नदी का एक सुंदर दृश्य दिखाई देता है। ललिता घाट को वाराणसी के सबसे महत्वपूर्ण घाटों में से एक माना जाता है।
ललिता घाट का नाम देवी ललिता के नाम पर पड़ा है, जो हिंदू धर्म की महाविद्याओं में से एक हैं। देवी ललिता को आदि शक्ति का रूप माना जाता है और उन्हें सृष्टि की शक्ति के रूप में पूजा जाता है।
ललिता घाट पर कई मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल हैं, जिनमें नेपाली मंदिर, ललिता मंदिर और गंगातट्य मंदिर शामिल हैं। नेपाली मंदिर नेपाल के राजा राणा बहादुर शाह ने बनवाया था। ललिता मंदिर देवी ललिता को समर्पित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। गंगातट्य मंदिर गंगा नदी को समर्पित एक मंदिर है।
ललिता घाट पर हर शाम गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जो एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है।
ललिता घाट के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
ललिता घाट को वाराणसी के सबसे महत्वपूर्ण घाटों में से एक माना जाता है।
ललिता घाट पर देवी ललिता को समर्पित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है।
ललिता घाट पर हर शाम गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जो एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है।
ललिता घाट का इतिहास:
ललिता घाट का निर्माण 18वीं शताब्दी में नेपाल के राजा राणा बहादुर शाह ने कराया था। राणा बहादुर शाह ने वाराणसी में कई मंदिरों और घाटों का निर्माण कराया था। ललिता घाट पर नेपाली मंदिर, ललिता मंदिर और गंगातट्य मंदिर राणा बहादुर शाह द्वारा निर्मित किए गए थे।
ललिता घाट का महत्व:
ललिता घाट को वाराणसी के सबसे महत्वपूर्ण घाटों में से एक माना जाता है। यहाँ से गंगा नदी का एक सुंदर दृश्य दिखाई देता है। ललिता घाट पर कई मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाते हैं। ललिता घाट पर हर शाम गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जो एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है।