काल भैरव मंदिर

काल भैरव मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित है। काल भैरव को काशी के कोतवाल के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव काशी की सुरक्षा करते हैं और काशी वासियों को बुरी शक्तियों से बचाते हैं।

मंदिर वाराणसी कैंट से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर का निर्माण काशी के राजा राय पुरंदर सिंह ने कराया था।

मंदिर का मुख्य गर्भगृह एक छोटे से कुंड के अंदर स्थित है। कुंड के अंदर काल भैरव की एक चांदी की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति में काल भैरव को एक कुत्ते पर सवार दिखाया गया है। मूर्ति के सामने एक दीवार पर काल भैरव के मंत्र लिखे हुए हैं।

मंदिर हर दिन सुबह 4 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में हर दिन सुबह और शाम आरती की जाती है। काल भैरव की पूजा करने के लिए भक्त मंदिर में बड़ी संख्या में आते हैं।

काल भैरव मंदिर वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर काशी के दर्शन के लिए आने वाले हर भक्त के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।

काल भैरव मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

काल भैरव को भगवान शिव का पांचवां रूप माना जाता है।
काल भैरव को काशी के कोतवाल के रूप में भी जाना जाता है।
काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
काल भैरव की पूजा करने से ग्रह दोष भी दूर होते हैं।
काल भैरव की पूजा करने से बुरी शक्तियों से बचाव होता है।