दशहरा

दशहरा वाराणसी में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है, जो भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है।

दशहरा के दिन, वाराणसी के विभिन्न मंदिरों और घाटों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में, भगवान राम की प्रतिमाओं को फूलों से सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इसके अलावा, रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतले बनाए जाते हैं और उन्हें जलाया जाता है। यह रावण के अत्याचारों पर भगवान राम की विजय का प्रतीक है।

दशहरा वाराणसी के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण है। हर साल, लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस त्योहार को देखने के लिए वाराणसी आते हैं।

वाराणसी में दशहरा के अवसर पर आयोजित होने वाले कुछ प्रमुख कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:

  • विभिन्न मंदिरों और घाटों पर भगवान राम की पूजा और आरती
  • रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का निर्माण और दहन
  • विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शन
  • भंडारा और भोजन वितरण

दशहरा का त्योहार एक ऐसा अवसर है जब हिंदू भगवान राम की आराधना करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। यह एक ऐसा अवसर भी है जब हिंदू रावण के अत्याचारों पर भगवान राम की विजय का जश्न मनाते हैं।

वाराणसी में दशहरा के अवसर पर आयोजित होने वाले कुछ प्रसिद्ध कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:

  • दशाश्वमेध घाट पर आयोजित होने वाली रामलीला
  • काशी विश्वनाथ मंदिर पर आयोजित होने वाली विशेष पूजा और आरती
  • अस्सी घाट पर आयोजित होने वाला भंडारा

दशहरा वाराणसी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक त्योहार है। यह एक ऐसा त्योहार है जो वाराणसी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।