रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक एक पूजा प्रथा है जिसमें भगवान शिव की मूर्ति को जल या दूध के साथ स्नान कराया जाता है। यह पूजा भगवान शिव के शक्तिशाली और अनुग्रहकारी रूप की महिमा को प्रमोट करती है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करती है।

रुद्राभिषेक के दौरान निम्नलिखित चरण होते हैं:

  1. पूजा स्थापना: रुद्राभिषेक के पूर्व, भगवान शिव की मूर्ति को विशेष रूप से सजाकर स्थापित किया जाता है।

  2. स्नान की सामग्री: रुद्राभिषेक में जल, दूध, दही, घी, शहद, गंध, फूल, धूप, दीप, फल, नवदाना आदि का उपयोग किया जाता है।

  3. अभिषेक क्रिया: पूजा अर्चना के बाद, पंडित या यजमान भगवान शिव की मूर्ति के ऊपर जल या दूध को स्नान कराते हैं, जिसमें मन्त्रों का जाप भी किया जाता है।

  4. पूजा और आरती: स्नान के बाद, भगवान शिव की पूजा की जाती है और आरती दी जाती है।

  5. प्रसाद और भोजन: पूजा के बाद, प्रसाद वितरित किया जाता है और ब्रह्मणों को भोजन की व्यवस्था की जाती है।

रुद्राभिषेक का उद्देश्य भगवान शिव के शक्तिशाली और अनुग्रहकारी रूप की पूजा करना है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करना है। यह पूजा प्रथा भगवान शिव के महत्वपूर्ण रूप के समर्पित है और उनके दयालु और उपकारक स्वरूप को प्रमोट करने के लिए की जाती है।