राहु काल

राहु काल एक ज्योतिषीय शब्द है जिसका उपयोग कार्यों के लिए अशुभ समय की पहचान के लिए किया जाता है। हिंदू ज्योतिष में माना जाता है कि राहु काल में आरंभ किए गए कार्यों में सफलता नहीं मिलती है और उनमें बाधाएँ आ सकती हैं। राहु काल दिन के विभिन्न अंशों में दिखाए जाते हैं और यह समय शुभ नहीं माना जाता है।

राहु काल कुछ महत्वपूर्ण पहलु:

  1. कारण: राहु काल का कारण है क्योंकि ग्रह राहु दिन के विभिन्न अंशों में घूमता रहता है और इस समय में कार्यों के परिणामों में नकरात्मक प्रभाव होता है।

  2. दिन के समय: राहु काल का समय दिन के बाराह घंटे में लगभग एक घंटा 30 मिनट तक रहता है, जिसे दिन के विभिन्न अंशों में विभाजित किया जाता है।

  3. प्रभाव: राहु काल में आरंभ किए गए कार्यों में असफलता, बाधाएँ और चुनौतियाँ आ सकती हैं। यह समय विशेष रूप से नए प्रोजेक्ट्स, महत्वपूर्ण कार्यों, शुभ कामों के लिए अधिक नकरात्मक होता है।

  4. उपाय: राहु काल में किसी भी काम को शुरू करने से पहले व्यक्तिगत ज्योतिषीय उपायों का पालन किया जा सकता है, जैसे कि पूजा, मंत्र जाप, ध्यान आदि।

राहु काल का पालन विभिन्न स्थानों और परंपरागत आदर्शों के अनुसार बदल सकता है, लेकिन बहुत से लोग राहु काल का महत्वपूर्ण होने का मानते हैं और इसका उपयोग शुभ कार्यों से बचाव के लिए करते हैं।