पंच कोसी परिक्रमा

पंचकोसी परिक्रमा वाराणसी के आसपास स्थित एक पवित्र धार्मिक मार्ग है। यह मार्ग लगभग 75 किलोमीटर लंबा है और यह शहर के चारों ओर एक अर्धवृत्त बनाता है। परिक्रमा का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह मार्ग शहर की पांच कोस (लगभग 30 किलोमीटर) की परिधि को कवर करता है।

पंचकोसी परिक्रमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है। माना जाता है कि इस परिक्रमा को करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। परिक्रमा को आमतौर पर पैदल या साइकिल से किया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे घोड़े या बैलगाड़ी पर भी करते हैं।

पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में कई महत्वपूर्ण मंदिर और धार्मिक स्थल हैं। इनमें शामिल हैं:

  • कर्दमेश्वर मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है।
  • भीमचंडी मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है।
  • रामेश्वर मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है।
  • पांचों पांडव मंदिर, जो पांडवों को समर्पित है।
  • कपिलधारा, जो एक पवित्र कुंड है।

पंचकोसी परिक्रमा एक धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण यात्रा है। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग अपनी आस्थाओं का जश्न मना सकते हैं और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव कर सकते हैं।

पंचकोसी परिक्रमा की शुरुआत आमतौर पर सुबह जल्दी होती है। श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे स्थित किसी घाट से स्नान करते हैं और फिर परिक्रमा शुरू करते हैं। परिक्रमा का मार्ग आमतौर पर शहर के बाहरी इलाकों से होकर गुजरता है। मार्ग में, श्रद्धालु मंदिरों और धार्मिक स्थलों में दर्शन करते हैं और प्रार्थना करते हैं।

परिक्रमा को आमतौर पर एक दिन में पूरा किया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे दो या तीन दिनों में भी पूरा करते हैं। परिक्रमा के अंत में, श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं और फिर अपनी यात्रा समाप्त करते हैं।

पंचकोसी परिक्रमा के लिए कोई विशेष आयु या शारीरिक स्थिति की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, लंबी पैदल यात्रा के लिए तैयार रहना महत्वपूर्ण है। परिक्रमा के दौरान, पर्याप्त पानी और भोजन ले जाना भी महत्वपूर्ण है।