बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा वाराणसी में एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जो भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मोक्ष के तीन महत्वपूर्ण अवसरों को मनाता है। यह त्योहार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई के महीने में आती है।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन, बौद्ध अनुयायी वाराणसी के सारनाथ में भगवान बुद्ध के पहले उपदेश स्थल पर इकट्ठा होते हैं। इस समारोह में, भगवान बुद्ध के उपदेशों का पाठ किया जाता है और उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की जाती है।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन, वाराणसी के विभिन्न मंदिरों और घाटों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में, भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं को फूलों से सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है।

बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार वाराणसी के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण है। हर साल, लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस त्योहार को देखने के लिए वाराणसी आते हैं।

वाराणसी में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले कुछ प्रमुख कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:

  • सारनाथ में भगवान बुद्ध के पहले उपदेश का पुनरावृत्ति
  • विभिन्न मंदिरों और घाटों में भगवान बुद्ध की पूजा और आरती
  • विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शन
  • भंडारा और भोजन वितरण

बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार एक ऐसा अवसर है जब बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को याद करते हैं और उनका अनुसरण करने की शपथ लेते हैं।